Thursday, October 9, 2025

मायावती के निशाने पर क्यों आए अखिलेश यादव और राहुल गांधी? लखनऊ के मंच से BSP सुप्रीमो के संदेश के मायने समझिए

खनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मायावती ने 9 साल बाद कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर बड़ी रैली की। 9 अक्टूबर 2016 को बसपा सुप्रीमो ने लखनऊ में बड़ी रैली की थी। यूपी विधानसभा चुनाव 2017 से पहले मायावती ने ताकत का प्रदर्शन किया था।

अब 2027 के चुनावी समर से पहले मायावती एक बार फिर अपनी ताकत को बढ़ाने की कोशिश करती दिख रही हैं। दरअसल, मोदी लहर ने यूपी चुनाव 2017 में विपक्षी दलों को खड़ा होने का मौका ही नहीं दिया। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज की। इसके बाद से हुए दो लोकसभा और एक विधानसभा में प्रदेश में बसपा को कोई बड़ी सफलता नहीं मिल पाई है। ऐसे में यूपी चुनाव 2027 से पहले मायावती की इस रैली को महत्वपूर्ण माना जा रहा था। इसमें उमड़ी भीड़ ने मायावती को उत्साहित किया। इसके बाद उन्होंने सीधे तौर पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को निशाने पर लिया। लोकसभा चुनाव 2024 में संविधान बदलने के मुद्दे को उठाकर इंडिया ब्लॉक ने भारतीय जनता पार्टी को घेरा। दलित वोट बैंक को साधने में कामयाबी हासिल की। अब इस पर मायावती ने करारा हमला बोला है।

निशाने पर अखिलेश, राहुल

मायातवी के निशाने पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी रहे। मायावती ने तंज कसते हुए कहा कि एक हाथ में संविधान लेकर नाटक किया जा रहा है। ये वही लोग हैं जो संविधान को ताक पर रखते रहे हैं। वहीं, अखिलेश यादव के पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक यानी पीडीए पॉलिटिक्स पर भी मायावती ने निशाना साधा। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि पीडीए के जरिए एक बड़े वर्ग को बरगलाया जा रहा है। यह सत्ता की शक्ति हासिल करने का हथियार है।

मायावती ने दलित वोट बैंक को संबोधित करते हुए कांशीराम के बताए मार्ग पर चलते हुए बहुजन समाज को सत्ता में भागीदारी नहीं, सत्ता में हिस्सेदारी की बात कही। उन्होंने बिहार और यूपी चुनाव में बसपा की जीत का मार्ग प्रशस्त करने के लिए जुटने का आह्वान किया।

आकाश आनंद को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

मायावती ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ में पार्टी संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित विशाल रैली में बड़ा राजनीतिक ऐलान किया। उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाने की घोषणा की। यह निर्णय बसपा के भीतर नई पीढ़ी के नेतृत्व को आगे लाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। रैली में उमड़ी अभूतपूर्व भीड़ और आकाश आनंद की औपचारिक नियुक्ति को देखते हुए यह स्पष्ट है कि मायावती अब बसपा की कमान धीरे-धीरे नई पीढ़ी को सौंपने की तैयारी में हैं।

लाखों की भीड़ से गूंजा मैदान

लखनऊ के कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित इस रैली में उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान से भी बसपा समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी। रैली में महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों की बड़ी संख्या ने भी भाग लिया। मैदान में 'जय भीम, मायावती जिंदाबाद, आकाश आनंद जिंदाबाद' के नारे गूंजते रहे। मायावती पहली बार इतने बड़े मंच पर अपने भतीजे आकाश आनंद के साथ नजर आईं।

मायावती और आकाश आनंद ने मंच से हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन किया। मायावती ने कहा कि आकाश आनंद को अब पार्टी में और बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी ताकि बसपा का संगठन और मजबूत हो सके।

चुनाव की तैयारी का संकेत

राजनीतिक विश्लेषक इस रैली को 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी के तौर पर देख रहे हैं। बसपा 2012 में सत्ता से बाहर होने के बाद से लगातार कमजोर होती गई। यूपी चुनाव 2017 में पार्टी को सिर्फ 19 सीटें मिलीं। वहीं, 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा को केवल एक सीट जीत सकी। वहीं, 2024 के लोकसभा चुनाव में बसपा का खाता भी नहीं खुल सका। पार्टी के चुनावी मैदान में उतरने के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद यह दूसरा मौका था, जब संसद में बसपा का प्रतिनिधित्व नहीं दिख रहा है। ऐसे में यह रैली पार्टी के लिए राजनीतिक पुनर्जीवन का प्रयास मानी जा रही है।

मायावती का तीखा हमला

मायावती ने अपने संबोधन में समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब वे सत्ता में थीं तो कासगंज जिले का नाम 'कांशीराम नगर' रखा गया था, लेकिन सपा सरकार आते ही नाम बदल दिया गया। उन्होंने कहा कि सपा ने हमेशा बहुजन नायक कांशीराम और दलित समाज का अपमान किया है। अब दलितों और पिछड़ों को जागरूक होना होगा। मायावती ने कांग्रेस पर भी अप्रत्यक्ष हमला करते हुए कहा कि आपातकाल के दौरान संविधान को कुचला गया। बाबासाहेब अंबेडकर को संसद नहीं पहुंचने दिया गया, यहां तक कि उन्हें भारत रत्न देने में भी देर की गई।

योगी सरकार की तारीफ

दिलचस्प रूप से मायावती ने अपने भाषण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि हम वर्तमान भाजपा सरकार के आभारी हैं कि उन्होंने समाजवादी सरकार की तरह इस स्मारक पर आने वाले लोगों से एकत्र धन को दबाया नहीं है। भाजपा सरकार ने कांशीराम स्मारक और अन्य पार्कों के रखरखाव के लिए सही नीतियां अपनाई हैं।

मायावती ने कहा कि बसपा शासनकाल में बने इस स्मारक की मरम्मत कार्य अब लगभग पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि आप सभी ने अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और लाखों की संख्या में यहां श्रद्धांजलि देने पहुंचे हैं। यह दर्शाता है कि कांशीराम जी का मिशन अभी जीवित है।

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