नई दिल्ली। विशेष संवाददाता
मैं यहां पर भारत सरकार से कुछ भी मांग करने के लिए नहीं आया हूं। बल्कि भारतीय विद्यार्थी मोर्चा से कुछ मांगने आया हूं। क्योंकि भारतीय विद्यार्थी मोर्चा द्वारा यहां पर जो रैली का आयोजन हो रहा है, इसमें कई सारे मुद्दे हैं। इन मुद्दों में बेरोजगारी, स्कूल मर्जिंग, नीजिकरण, ठेकेदारी, स्कूल स्कॉलीशिप, प्रतियोगी परीक्षाओं में गडबडी, नई शिक्षा नीति का विरोध, धार्मिक शिक्षा पर रोक जैसे कई मुद्दे शामिल हैं। मगर भारत सरकार आप लोगों की एक बात भी सुनने वाली नहीं है। यह बात मैं आप लोगों को निराश करने के लिए नहीं कह रहा हूं बल्कि कुछ आप लोगों को कुछ बात बताने के लिए कह रहा हूं। क्योंकि जब भारत सरकार आप लोगों की बात ही सुनने वाली नहीं है तो क्या करना चाहिए? आप लोगों को संगठित शक्ति का निर्माण करने पर ज्यादा जोर लगाना चाहिए।
वामन मेश्राम ने कहा, हमारे लोगों को दिल्ली आने के लिए बहुत ज्यादा जोर लगाना पड़ता है। इसके बाद भी सरकार नहीं सुनती है। इसलिए दिल्ली आने के बजाए संगठित शक्ति निर्माण करने पर जोर लगाना चाहिए। यदि आप
अगर बदलाव चाहते हो तो लोगों का ध्यान चुनाव से हटाना होगा और परिवर्तनकारी आंदोलन पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। अगर आप लोग ऐसा करते हो तो आंदोलन के आधार पर बदलाव हो सकता है। अगर आंदोलन से बदलाव हो सकता है तो हमारे लोगों को सगंठित शक्ति का निर्माण करना चाहिए। अगर ऐसा करते हो तो दिल्ली आने के बजाए इनका बंदोबस्त जिला लेवल पर किया जा सकता है।
संगठित शक्ति निर्माण करते हो तो सब कुछ हो सकता है। आप लोगों को मालूम होगा कि भारत के आस-पास तमाम देशों में विद्यार्थियों की से वहां पर तख्तापलट हुआ और वहां की सरकार चलाने वालों को भागना पड़ा।
आगे कहा, आप लोगों को संगठित शक्ति का निर्माण करने के लिए बूथ लेवल पर विद्यार्थियों को तैयार करना चाहिए। चुनाव आयोग के अनुसार, एक बूथ में 1200 वोट होंगे।
इस तरह से आप लोग बूथ लेवल पर छात्रों को तैयार करो तो देशभर में लगभग 15 लाख बूथ हैं। इसलिए तरह से बूथ लेवल पर छात्रों का विशाल संगठन खड़ा हो जायेगा और विशाल संगठित शक्ति का निर्माण हो जायेगा। अगर आप लोग ऐसा करते हो तो आप जैसा चाहते हो वैसा बदलाव चाहते हो वैसा कर सकते हो। अगर आप लोग ऐसा करते हो तो सरकार बनाने और गिराने के लिए आपके पास ताकत हो सकती है। इस तरह से आप जो चाहोगे वो बदलाव कर सकते हो। मांगने की जरूरत ही नहीं होगी।
उन्होंने कहा आज हमारे लोगों को चुनाव से आउट कर दिया गया है। केवल वोटर बनाकर रखा गया है। अगर बदलाव चाहते हो तो लोगों को ध्यान चुनाव से हटाना होगा और परिवर्तनक, वजहारी आंदोलन पर ध्यान केन्द्रीत करना होगा। अगर आप लोग ऐसा करते हो तो आंदोलन के आधार पर बदलाव हो सकता है। अगर आंदोलन से बदलाव हो सकता है तो हमारे लोगों को सग.
संगठित शक्ति का निर्माण करना चाहिए। अगर ऐसा करते हो तो दिल्ली आने के बजाए इनका बंदोबस्त जिला लेवल पर किया जा सकता है
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