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निचली अदालतों में ठहराव पर सीजेआई की नाराजगी
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को जिला न्यायपा. लिका में ठहराव पर अफसोस जताया और इस बात पर जोर दिया कि कई प्रतिभाशाली युवा कुछ वर्षों के बाद ही सेवा छोड़ देते हैं, क्योंकि वे सेवानिवृत्ति के समय तक भी जिला न्यायाधीश नहीं बन पाते हैं। जिला न्यायाधीश पदों के लिए सीधी भर्ती परीक्षाओं में भाग लेने से वंचित किये गए दीवानी (सिविल) न्यायाधीशों के एक समूह की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत भूषण ने दलील दी कि सिविल न्यायाधीशों को भी 'बार कोटा' के तहत जिला जज बनने के लिए परीक्षा
देने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, 'दीवानी न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए हमें अच्छे लोग इसलिए नहीं मिल रहे हैं कि उन्हें लगता है कि वे पूरी तरह से जड़ हो गए हैं... मैं सेवा में आ जाऊंगा और फिर पूरे 15-16 साल तक जिला न्यायाधीश भी नहीं बन पाऊंगा।